क्या यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली जाना जरूरी है? अगर इस प्रश्न का जवाब दिया जाए तो यह कहा जा सकता है कि नहीं! यूपीएससी की तैयारी करने के लिए जरूरी नही है कि दिल्ली जाया जाए आप प्रयागराज आकर भी अपनी तैयारी कर सकते हैं और सफल भी हो सकते हैं केवल आप में लगन , दृढ़ता और परिश्रम करने का जुनून होना चाहिए , करीब दो दशक पहले तक प्रयागराज को यूपीएससी का अड्डा कहा जाता रहा है और इलाहाबाद विश्वविद्यालय को आईएएस पीसीएस की फैक्ट्री, ख़ैर थोड़े हालात बदले जरूर हैं लेकिन अगर आपमें जुनून है यूपीएससी का तो प्रयागराज आपके लिए दिल्ली से कम नही , आइये आपको ऐसी ही एक टॉपर से मिलवाते हैं जो दिल्ली तैयारी करने जा सकती थीं लेकिन उन्होनें प्रयागराज चुना...
प्रयागराज स्थित स्टैनली रोड निवासी अंशिका वर्मा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 136वीं रैंक हाशिल की है। अंशिका को सफलता उनके कठिन मेहनत , दृढ़ता और लगन के मिली है इसके साथ ही ख़ास बात यह रही कि इन्होनें 12वीं से लेकर अपनी इंजीनियरिंग तक कि पढ़ाई नोएडा से की है। नोएडा से दिल्ली ज्यादा नजदीक है और यह भ्रांति भी रही है कि यूपीएससी में सफलता के लिए दिल्ली जाना जरूरी है लेकिन अंशिका ने दिल्ली का रास्ता नही बल्कि प्रयागराज का रास्ता चुना और अंततः यह साबित किया कि सफलता कहीं भी जाकर मिल सकती है बस इच्छाशक्ति और परिश्रम करने का जुनून होना चहिए।
अंशिका की यह सफलता आज भले ही चर्चा में हो लेकिन 2019 में जब इन्होंने प्रारंभिक परीक्षा दी तो वे सफल न हो सकीं लेकिन जीवन का यह सबसे कठिन दौर उन्होनें कुछ इस तरह से गुजारा कि अगला परिणाम उनके हित में चला गया , अंशिका का मानना भी यही है कि असफ़ल होकर आप कई अनुभव अपने साथ जोड़ लेते हैं और आपकी कई कमियाँ आपके सामने आ जाती हैं जिसपर थोड़ा काम करके आप अपनी असफलता को सफलता में बदल सकते हैं...
अंशिका के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो प्रयागराज की मूल निवासी हैं पिता अनिल वर्मा उत्तर प्रदेश विद्युत कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और माँ का नाम वंदना है। अंशिका की शुरुआती शिक्षा नोएडा से हुई है और इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग भी इन्होनें नोएडा से ही पूरी की है।
स्टूडेंट्स के लिए अंशिका ने दिए टिप्स
अंशिका ने प्रतियोगियों को अपने नोट्स स्वयं तैयार करने और बार बार रिवीज़न करने की सलाह दी है इसके साथ ही शुरुआती तैयारी के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों कों पढने की भी बात कही है।
अंशिका ने इंटरनेट का सकारात्मक इस्तेमाल करने की सलाह दी और कहा इंटरनेट पर अध्ययन सामग्री की भरमार है बस जरूरत है कि अध्ययन सामग्री का सही तरह से इस्तेमाल करने की। अंशिका ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए वे हमेशा मार्गदर्शन करती रहेंगी...
अंशिका के सफल होने की यह कहानी आपको कैसी लगी कमेंट करके अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें...