हर सैनिक के लिए यह सबसे बड़ा सम्मान होता है की वह अपनी मातृभूमि के लिए सेना की सर्वोच्च परंपरा के मुताबिक बलिदान दें। जनरल रावत समेत 14 सैनिकों की मृत्यु के बाद देश दुखी है।
आज़ सुबह जब जनरल रावत सहित सैनिकों का पार्थिव शरीर सेना मुख्यालय लाया जा रहा था तब तमिलनाडु के सड़कों पर आम जनता कतारों में खड़ी होकर वाहनों पर पुष्प वर्षा कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रही थी। स्थानीय महिलाएं रो रही थीं। उनका शहीद सैनिकों के साथ भले ही पारिवारिक नाता नहीं हो लेकीन वो शहादत का अर्थ समझती है। किसी अपने को खोने के दुख को महसूस कर सकती हैं। इस क्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है लोग अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं यह सब देखकर यही लगता है कि असल मायने में जनरल रावत "जनता के जनरल" थे।
थोड़ी देर पहले रावत सहित साथी सैनिकों का शरीर दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचा हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देने प्रधानमंत्री सहित देश के वरीय सैन्य अधिकारी और परिवार जन पहुंचे हुए हैं। कुल 14 पार्थिव शरीर में से अभी केवल चार पार्थिव शरीर की पहचान हो पाई है। दुर्घटना इतनी हृदय विदारक थी की पार्थिव शरीरों के पहचान में मुश्किल आ रही है।
पालम हवाई अड्डे पर दिवंगत सैनिकों के परिवार पहुंचे हुए है। उसके छोटे छोटे मासूम बच्चे , जिन्हें शायद यह भी पता नहीं की उनके आस पास क्या हो रहा है। लेकीन आज़ उनके सर से पिता का छाया भले ही उठ गया है लेकीन कल को वो ज़रूर अपने पिता सहित परिवार जनों की शहादत पर गर्व महसूस करेंगे।
इन दृश्यों को देखने के बाद प्रत्येक भारत वासी के की आंखें डबडबाई हुई है। आखों में आंसू है।