इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश कार्य चल रहा है और अब प्रवेश कार्य धीरे-धीरे अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ चुका है तमाम कोर्सेज में प्रवेश कार्य संपन्न भी हो चुका है कुछ कोर्सेज अभी बाकी है जिनमें प्रवेश होना है। प्रवेश के साथ ही एक महत्वपूर्ण और चर्चित विषय जो विद्यार्थियों के मन में लगातार चल रहा है वह है ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लास इसके साथ ही ऑफलाइन और ऑनलाइन परीक्षा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के मन में भी इस मुद्दे को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। हम इस पोस्ट में इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केंद्र में मानकर आगे की जानकारियों को समझेंगे।
हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने एक गाइडलाइन जारी की है और उस गाइडलाइन में यूजीसी के अंतर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। यूजीसी द्वारा जारी हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए यह दिशानिर्देश कैंपस खोलने और ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा करवाने के संबंध में है। यूजीसी द्वारा यह दिशा निर्देश UGC की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए गए हैं जिसे यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.ac.in पर देखा जा सकता है आइए आपको बताते हैं कि इस दिशा निर्देश में क्या बातें कही गई हैं।
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कैंपस खोलने को लेकर UGC ने क्या कहा -
यूजीसी द्वारा जारी हुए इस दिशा निर्देश में यह कहा गया है कि भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है और इसे देखते हुए देश के विश्वविद्यालय और कॉलेज जो यूजीसी के अंतर्गत आते हैं वे कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए ऑफलाइन क्लासेस के लिए कैंपस खोल सकते हैं। कोविड-19 सबंधी जो भी गाइडलाइंस सरकार द्वारा जारी हुई है उनका अनुपालन करते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कैंपस खोलने की आजादी है लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कोविड-19 जैसे मास्क का प्रयोग ,समय-समय पर सैनिटाइजेशन , विद्यार्थियों के बीच आवश्यक दूरी जैसे नियम नियमों का पालन किया जा रहा हो।
ऑफलाइन या ऑनलाइन क्लास क्या कहा यूजीसी ने -
यूजीसी ने ऑफलाइन और ऑनलाइन परीक्षा को लेकर निर्णय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर छोड़ दिया है यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन में यह बताया है कि विश्वविद्यालय और कॉलेज स्वतंत्र है कि वह ऑनलाइन परीक्षाएं करवाएं या ऑफलाइन परीक्षाएं। यूजीसी ने यहां फिर से इस बात पर जोर दिया है कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य प्रभावित ना हो अगर संभव हो तो ऑफलाइन परीक्षा हो और अगर किसी भी प्रकार की समस्या नजर आती है तो ऑनलाइन परीक्षाएं भी करवाई जा सकती हैं। अगर UGC द्वारा जारी हुए इस दिशा निर्देश को हम बारीकी से समझें तो यूजीसी ने केवल एक बात पर जोर दिया है कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य प्रभावित ना हो बाकी विश्वविद्यालय और कॉलेज यह स्वयं निर्णय कर लें कि क्या उनके लिए बेहतर होगा।
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