UGC : NET-JRF का परिणाम इसी महीने 19 फरवरी 2022 को National Testing Agency (NTA) ने जारी किया है। ज्ञात हो कि UGC-NET December 2020 और UGC-NET June 2021 दोनो को मर्ज किया गया था। अब दोनो साइकल परीक्षाओं को एकसाथ कराने के बाद परिणाम जारी कर दिए गए है। लेकिन छात्र-छात्राओं में असंतोष नजर आ रहा है और छात्र-छात्राओ ने नियम को तोड़ने का आरोप UGC पर लगाया है। आइए जानते है छात्र-छात्राओं ने किस नियम को तोड़ने की बात कही है।
जब दो साइकल मर्ज तो परिणाम दोगुनी क्यों नहीं -
छात्र-छात्राओं का कहना है कि जब UGC-NET DECEMBER 2020 व UGC-NET JUNE 2021 को मर्ज कर परीक्षा कराया गया तो परिणाम दोगुनी क्यो नही जारी की गयी। छात्र-छात्राओं ने कहा कि एक साइकल में 6 प्रतिशत NET व 1 प्रतिशत JRF चयनित होते है। इस तरह से दो साइकल के लिए 12 प्रतिशत NET व 2 प्रतिशत JRF चयनित होने चाहिए। लेकिन UGC ने अपने ही नियम की अवहेलना की है।
साल में दो बार आयोजित होती है UGC NET -
बताते चलें कि साल में UGC-NET की परीक्षाओ को दो बार आयोजित किया जाता है। मौजूदा समय में UGC-NET में 81 विषयों में NET-JRF करने का ऑप्शन उपलब्ध है। 19 फरवरी के जारी परिणाम वाले साइकल के लिए 12 लाख 66 हजार 5 सौ 9 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया था, उसमे 6 लाख 71 हजार 2 सौ 88 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दिया और 52 हजार 8 सौ 57 छात्र-छात्राओं ने UGC-NET को उत्तीर्ण किया।
प्रधानमंत्री मोदी तक को लिखा पत्र -
भास्कर के एक रिपोर्ट के अनुसार छात्र-छात्राओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है। सोशल मीडिया पर भी छात्र-छात्राओं के प्रतिक्रिया देखने को मिल रहे है। छात्र-छात्राओ का कहना है कि कोरोना की संकट से गुजर रहे इस समय मे UGC ने छात्र-छात्राओं के साथ मजाक किया है। इससे छात्र-छात्राओं का एक साल बर्बाद हो जाएगा। अगर UGC संज्ञान नही लेता है तो मजबूरन हमे न्यायालय के शरण में जाना पड़ेगा।
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