UGC UPDATE : हर विद्यार्थी की मंशा होती है कि उसे ऐसी शिक्षा मिले जिससे उसके जीवन के हर एक पहलू का विकास हो और उसका जीवन बेहतर हो जाए। शिक्षा का उद्देश्य आज लगभग एकदम बदल गया है और अब यह धीरे धीरे जीविकोपार्जन का विषय बन गया है। खैर! शिक्षा के बदलते स्वरूप के साथ साथ कई चीजों के मायने भी बदल गए हैं। फिलहाल UGC विद्यार्थियों के हित में लगातार काम कर रही है और इसी बीच एक बड़ी खुश कर देने वाली अपडेट आ रही। मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर सहित तमाम अन्य विश्वविद्यालयों के स्नातक के छात्र पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर इंसान बनने का कौशल भी अब पढ़ सकेंगे जिससे उनके व्यक्तित्व का विकास होगा और उन्हें प्रोफेशनल बनने में मदद मिलेगी। उच्च शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति के तहत आगामी सत्र 2022-23 में स्नातक प्रोग्राम में जीवन कौशल 2.0 (Life Skill 2.0 ) पाठ्यक्रम अनिवार्य रूप से जुड़ने जा रहा है। इस शुरुआत से विद्यार्थियों को कम्यूनिकेशन स्किल, प्रोफेशनल लीडरशिप व मैनेजमेंट, यूनिवर्सिल ह्यूमन वेल्यू, पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट जैसे जरूरी पाठ्यक्रमों का ज्ञान कराया जाएगा।
क्या है UGC की इस पहल का उद्देश्य -
Life Skill का मुख्य उद्देश्य पपढ़ाई पूरी करने के बाद इन युवाओं को नौकरी से लेकर समाज के प्रति जिम्मेदार, धर्म, अहिंसा, बेहतर इंसान बनाने, संवेदनशील व पेशेवर और व्यावहारिक रूप से सशक्त बनाना है। कुल 120 घंटों की एक निर्धारित पढ़ाई करवाई जाएगी और इस पढ़ाई में आठ क्रेडिट होंगे। इसमें किताबी पढ़ाई के साथ-साथ विषय के महारथी विद्वानों द्वारा कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
तमाम मीडिया रिपोर्ट्स और हमारी टीम को प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2002) के तहत छात्रों को कम्यूनिकेशन स्किल, प्रोफेशनल स्किल, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट स्किल और यूनिवर्सल ह्यूमन वेल्यू विषयों को पढ़ाया और प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए नई शिक्षा नीति के आधार पर जीवन कौशल पर आधारित ड्रॉफ्ट करिकुलम तैयार किया गया है।
क्यों है इस पहल की आवश्यकता -
विद्यार्थियों में सही कौशल हो यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है और वर्ष 2017 , इसके पहले और बाद में कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने सरकार को अपनी रिपोर्ट में छात्रों की कमियों पर ध्यान दिलाया था। इसमें लिखा था कि भारतीय छात्रों में अब पहले की तरह मानवीय मूल्य, सामाजिक सरोकार, संचार कौशल में कमी, सार्वभौमिक लचीलापन नहीं है। आईआईटी से लेकर अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के पास डिग्री संग ज्ञान तो हैं लेकिन वे बेहद प्रोफेशनल हो गए हैं और इससे लाभ होने के बजाय हानि ही होनी है क्यों कि कई बार ज्यादा प्रोफेशनल हो जाना घाटे का सौदा होता है। भारतीय छात्रों की जिन खूबियों के चलते अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उनकी माँग थी अब यह कम हो चुकी है। नौकरी के लिए पढ़ाई, ज्ञान के साथ इनका होना भी जरूरी है इसलिए सरकार से आग्रह है कि वे विषयों के साथ ही इन पर अपना ध्यान केंद्रित करें। इसी कारण नई शिक्षा नीति में इस मुद्दे को शामिल किया गया है जो निश्चित ही बेहतर परिणाम दे सकता है।
समझिए इस पहल का लाभ -
कुल चार बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित होगा जिसमें कम्यूनिकेशन स्किल में सुनने की क्षमता, बोलने, लिखने, डिजिटल शिक्षा व सोशल मीडिया और साइबर सिक्योरिटी आदि के बारे में समझाया और प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद प्रोफेशनल स्किल (करियर और टीम) में रिज्यूम, इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन, विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर बनाना, विश्वास, टीम के साथ काम करने के दौरान सभी पक्षों को सुनना, समझना आदि पर पढ़ाई व प्रशिक्षण मिलेगा। लीडरशिप व मैनेजमेंट स्किल में टीम को साथ लेकर चलने की भावना प्रेरित की जाएगी। इसके अलावा यूनिवर्सल ह्यूमन वेल्यू विषय पर अंहिसा, शांति, सेवा, प्रेमभाव, दयाभाव, सच, मानवीय मूल्य, सरोकार आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा। ये चार बिंदु किसी भी विद्यार्थी को बेहतर बनाने का काम करेंगे।