Allahabad University Students Union: इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय और उसकी गौरवशाली छात्रसंघ को बचाने के लिए अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सभी छात्र संगठन के साथ-साथ पुराछात्रों ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है। इसी बीच इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुराछात्र और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी फैमिली समूह के संस्थापक अंकित द्विवेदी ने कहा है कि छात्र अगर स्वयं छात्रसंघ चुनाव कराते है तो छात्रसंघ चुनाव में आने वाले पूरे खर्च को वह वहन करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ में आस्था रखने वाले और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुराछात्रों में इतनी तो क्षमता है कि वह उसके इतिहास और परंपरा को बचा सके। इसी के मद्देनजर हमारा यह छोटा प्रयास होगा कि राजनीतिक नर्सरी छात्रसंघ को बचाकर हम लोकतंत्र को बचाने में सहयोग करे। हम जिससे वंचित रहे उससे हमारे अनुज वंचित रहे यह हम कभी नही चाहेंगे।
सर्वदलीय छात्र संगठनों के लिया था चुनाव का निर्णय -
ज्ञात हो इससे पूर्व सर्वदलीय छात्र संगठनों ने इसी सप्ताह प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन को कहा है कि वह चुनाव कराए अन्यथा छात्र स्वयं छात्रसंघ चुनाव कराएंगे। सर्वदलीय छात्र संगठन के इस निर्णय के समर्थन ने अंकित द्विवेदी ने निर्णय लिया है कि अगर छात्र स्वयं छात्रसंघ चुनाव कराते है तो चुनाव का पूरा खर्च वह वहन करेंगे।
बताते चलें कि बक्सर, बिहार के रहने वाले अंकित सन 2017-2020 इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से 2020-2022 में परास्नातक कर चुके है। वह हिन्दू छात्रावास इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंतेवासी भी रहे है। इसके पूर्व अंकित द्विवेदी ने पिछले सत्र में UGAT प्रवेश कोर्सेज के सभी टाॅपर्स के नामांकन का खर्च भी वहन किया था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संगठनों के इस हिम्मत को दाद देते हुए : गिलहरी रूपी मेरा सहयोग : छात्र स्वयं छात्रसंघ (@AUSUofficial) चुनाव कराते है तो चुनाव कराने का पूरा खर्च हम वहन करेंगे : जय छात्रसंघ शहीद लाल पद्मधर अमर रहें@UoA_Official @aldunifamily#LongLiveAUSU pic.twitter.com/8tKWGNvFep
— Ankit Dwivedee (@dwivedeeankit) July 23, 2022
छात्रसंघ और अंकित -
1. छात्र परिषद निरस्त आंदोलन में एकलौते छात्रनेता जिनको डिजिटल आंदोलन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है।
2. छात्र परिषद निरस्त आंदोलन से अब तक छात्रसंघ परिसर में नंगे पैर चलते है।
3. वर्ष 2020 में अध्यक्षीय दावेदार थे लेकिन छात्रसंघ पहले ही बैन हो गयी थी।
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