Shikshak Bharti : 69000 शिक्षक भर्ती में नौकरी का रास्ता साफ, कोर्ट में दिया अब नया आदेश


69000 Shikshak Bharti : चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teacher Bharti) में एक नंबर से फेल अभ्यर्थियों की नौकरी का रास्ता साफ होता दिख रहा है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के (High Court Supreme Court Judgement on 69000 Teacher Bharti) आदेश के अनुपालन में इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक मीडिया वेबसाइट के अनुसार शासन के अनु-सचिव धर्मेन्द्र मिश्र ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी को 22 दिसंबर को भेजे पत्र में पीड़ित अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन लेने और 25 अगस्त 2021 के पूर्व याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। लेकिन फिलहाल अभी कई बात बिल्कुल स्प्ष्ट नही हो सकी हैं। आइये जानते हैं अपडेट...

क्या है 69000 शिक्षक भर्ती पर ताज़ा अपडेट -

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार - एक नंबर से पास होने वाले अभ्यर्थियों और पहले से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों (ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें विवादित प्रश्न पर पूर्व में अंक नहीं दिए गए थे) की सूची तैयार कर बेसिक शिक्षा परिषद को भेजी जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय (Basic Shiksha Parishad Ofdice) की ओर से ऐसे अभ्यर्थियों के शैक्षिक गुणांक एवं भारांक के आधार पर मेरिट तैयार करते हुए 69000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया के अंतर्गत वर्गवार/श्रेणीवार अंतिम कटऑफ गुणांक के तहत आने वाले अभ्यर्थियों की सूची परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई जाएगी। फिलहाल इस रिपोर्ट पर कोई ऑफिसियल अपडेट सामने नही आई है।

69000 शिक्षक भर्ती में अब आगे क्या क्या होगा -
  • इस सूची के आधार पर दो महीने में चयन प्रक्रिया पूरी होगी। इस संबंध में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने एनआईसी से संपर्क किया है।
  • अभ्यर्थियों का दावा है कि एक नंबर से फेल हो रहे एक हजार अभ्यर्थियों को इसका लाभ होगा।
  • हालांकि सूत्रों की मानें तो इस आदेश का सर्वाधिक लाभ उन शिक्षामित्रों को होगा जो एक नंबर से फेल हो गए थे । गौरतलब है कि 69000 भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी 2019 को कराई गई थी।
क्या है 69000 शिक्षक भर्ती विवाद -

रिपोर्ट्स के अनुसार 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा की बुकलेट संख्या HAL के प्रश्नसंख्या 60 में पूछा गया था - द्वशैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है। जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें। यह परिभाषा दी गई है इस प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। इसका सही जवाब ग्राहम बाल्फोर है। लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों ने वेलफेयर ग्राहय को सही मान लिया था। इसको लेकर दाखिल याचिका में हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Shiksha Vibhag) के अधिकारियों को उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने इस प्रश्न को हल करने की कोशिश की थी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार की और से दायर स्पेशल अपील को सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को खारिज कर दिया था।

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