B.ED VS BTC 2023 : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नया कानून बनाएगी केंद्र सरकार, बीएड अभ्यर्थियों को मिलेगा उनका हक!


B.ED VS BTC 2023 : सुप्रीम कोर्ट ने बीएड बनाम बीटीसी मामले में फैसला सुनाते हुए बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया था। जिसके चलते बीएड अभ्यर्थी बेहद परेशान हो गए हैं। बीएड (BEd vs BTC) अभ्यर्थी कई जगहों पर इस फैसले के विरोध में धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। हालांकि इसी दौरान बीएड अभ्यर्थियों के लिए एक और बड़ी खबर सामने आई है, जो कि बीएड अभ्यर्थियों के हित में बताई जा रही है। दरअसल अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार कोई नया कानून बनाए और इस फैसले को बदले। हालांकि अब ये कैसे होगा ? आइए जानते हैं पूरी अपडेट..

BEd vs BTC: अभ्यर्थी कर रहे कानून बनाने की मांग (Candidates are demanding to make law) -

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज बीएड अभ्यर्थी आंदोलन पर उतर आए हैं। आपको बता दें कि अभ्यर्थियों ने पहले ही आंदोलन की धमकी दी थी। जहां अभ्यर्थी आंदोलन के दौरान अब केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदले। दरअसल अभ्यर्थियों का कहना है कि केंद्र सरकार के पास ये शक्ति है कि वह कानून संसद में पास करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल सकती है। यही कारण है कि अभ्यर्थी केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। 

BEd vs BTC : मांग को लेकर क्या बोली केंद्र सरकार (What did the central government say about the demand) -

बीएड और बीटीसी मामले में अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन के साथ साथ केंद्र सरकार से भी कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने अभ्यर्थियों की इस मांग को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। वहीं केंद्र सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नहीं जाना चाहती। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने इस फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि बीएड अभ्यर्थी अभी भी उम्मीद में हैं कि केंद्र सरकार उनके हित में कुछ जरूर करेगी। 

BEd vs BTC : सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला (The Supreme Court gave this decision) -

बीएड बनाम बीटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाया था। जाएं इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी फैसले में स्पष्ट किया था कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। हालांकि राजस्थान हाई कोर्ट ने भी यही फैसला सुनाया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित किया। दरअसल राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एनसीपी और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि बीएड अभ्यर्थियों को भी प्राइमरी टीचर के लिए पात्र माना जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को सिरे से खारिज कर दिया था। 

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